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भाजपा के साथ साँठगाँठ की ख़बरों के बाद मायावती ने बदला जौनपुर का प्रत्याशी

 06 May 2024

उत्तर-प्रदेश के जौनपुर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भाजपा के साथ सांठगांठ की ख़बरों के चलते अपना प्रत्याशी बदल दिया है। बसपा प्रमुख़ मायावती ने ख़ुद जौनपुर सांसद श्याम सिंह यादव को फ़ोन कर जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा के निशान पर नामांकन दाख़िल करने को बोला है। जबकि इस सीट पर बसपा की तरफ़ से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी सिंह का नाम तय था।


जौनपुर सीट का बदल रहा है समीकरण

जौनपुर में इस राजनीतिक घटनाक्रम ने लोकसभा सीट के पूरे समीकरण को बदल कर रख दिया है। हाल ही में हुए फ़ेरबदल के बाद बसपा से श्याम सिंह यादव, समाजवादी पार्टी (सपा) से बाबू सिंह कुशवाहा और भाजपा से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा से टिकट कटने के बाद अगर श्रीकला रेड्डी निदर्लीय चुनाव लड़ती है तो मुक़ाबला चार कोणीय हो जायेगा। श्रीकला की उम्मीदवारी को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता है, क्योंकि धनंजय सिंह जौनपुर से दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं। जौनपुर में जातीय समीकरण की बड़ी भूमिका है। श्रीकला के चुनाव लड़ने से 13.30 फ़ीसद राजपूत मतदाताओं का वोट बंट सकता है। जौनपुर में अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए जिनमें से 11 बार राजपूत, चार बार यादव और दो बार ब्राह्मणों को जीत मिली है। 

सपा प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा के पास यादव और मुस्लिम वोट पक्के है। बसपा के श्याम सिंह यादव की उम्मीदवारी से सपा के वोट कट सकते हैं। यदि श्रीकला चुनाव नहीं लड़ती है तो इसका फ़ायदा भाजपा को होना तय है।


मायावती ने सुधारी अपनी ग़लती

बसपा की टिकट पर जौनपुर की सीट से श्याम सिंह यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज़ की थी। लेकिन इस बार मायावती ने श्याम सिंह का टिकट काट कर श्रीकला को दे दिया था। जिसपर कुछ कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराज़गी भी जतायी थी। ख़ैर, कार्यकर्ताओं और कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि श्याम सिंह को वापस टिकट देकर उन्होंने अपनी ग़लती को सुधार लिया है।


क्यों कटा श्रीकला का टिकट

ज़मानत पर धनंजय सिंह के जेल से बाहर आने के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी थी कि जौनपुर में नामांकन की तारीख़ ख़त्म होने के बाद श्रीकला अपना नाम बतौर उम्मीदवार वापस ले लेंगी। यानी जौनपुर में बसपा का कोई प्रत्याशी रहेगा ही नहीं। क्योंकि ऐसी ख़बरें है कि धनंजय सिंह की भाजपा के साथ कुछ साँठगांँठ चल रही है। जैसे ही बसपा प्रमुख़ मायावती को अपने विश्वसनीय सूत्रों से यह बात चली तो उन्होंने रविवार देर रात श्याम सिंह यादव को बसपा से नामांकन भरने का आदेश दे दिया।


धनंजय सिंह जेल में क्यों?

पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण के मामले में सांसदों-विधायकों की विशेष कोर्ट ने 6 मार्च 2024 को 7 साल की सजा सुनायी थी। आमतौर पर इस अपराध में ज़मानत मिलना आसान नहीं है, लेकिन 27 अप्रैल को इलाहबाद कोर्ट ने धनंजय को ज़मानत दे दी।